Wednesday 30 May 2018

जम्मू-कश्मीर: कुपवाड़ा में सेना की पेट्रोलिंग पर हमला, दो आतंकी ढेर, सर्च ऑपरेशन जारी
31may


श्रीनगर (एएनआइ)। भारत लगातार जम्मू-कश्मीर में शांति के तमाम प्रयास कर रहा है, इसके बाद भी कश्मीर में आंतकी हमले रुकने का नहीं ले रहे हैं। बुधवार देर रात कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में आतंकियों ने एक बार फिर भारतीय सेना को निशाना बनाने की कोशिश की, लेकिन वह असफल रहे। सेना ने आतंकियों का मुहतोड़ जवाब दिया और दो आतंकियों को ढेर कर दिया।
कुपवाड़ा के हंदवाड़ा इलाके के काजियाबाद के जंगलों में आतंकियों ने सेना की पेट्रोलिंग पर फायरिंग शुरू कर दी, जिसके बाद सेना ने जवाबी कार्रवाई की। सेना की तरफ से फायरिंग होता देख आतंकी भाग खड़े हुए। इसके बाद सेना ने सर्च ऑपरेशन चलाया, जिसमें दो आतंकियों के शव बरामद किए गए। फिलहाल सेना का सर्च ऑपरेशन जारी है।
इससे पहले आतंकियों ने बुधवार को त्राल में नेशनल कांफ्रेंस के नेता के मकान को उड़ाने का प्रयास करने के अलावा पुलवामा में सुरक्षाबलों के एक गश्तीदल पर भी ग्रेनेड हमला किया। अलबत्ता,इन दोनों ही हमलों में किसी प्रकार का नुक्सान नहीं हुआ। दोपहर बाद करीब साढ़े तीन बजे आतंकियों ने त्राल में नेशनल कांफ्रेंस के नेता मोहम्मद अशरफ बट के मकान को निशाना बनाते हुए उस पर राइफल ग्रेनेड दागा। लेकिन यह ग्रेनेड मकान के बरामदे में गिरा और एक जोरदार धमाके के साथ फट गया। हमले के बाद आतंकी वहां से भाग निकले।
त्राल में नेशनल कांफ्रेंस नेता के मकान पर हमले से लगभग दो घंटे पूर्व आतंकियों ने पुलवामा में बनौरा गांव के बाहर सर्कुलर रोड पर पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों की संयुक्त नाका पार्टी को निशाना बनाते हुए ग्रेनेड से हमला किया। लेकिन ग्रेनेड अपना निशाना चूक गया और नाका पार्टी से कुछ दूरी पर एक बाग में गिरते हुए जोरदार धमाके के साथ फट गया। ग्रेनेड फेंकने के तुरंत बाद आतंकी वहां से भाग निकले।

Wednesday 23 August 2017

Deepak ka blog: आशाराम की रिहाई के लिए अनशन

Deepak ka blog: आशाराम की रिहाई के लिए अनशन: आशाराम की रिहाई के लिए  जंतर मंतर दिल्ली में अनशन चल रहा है। 1 सितम्बर 2013 को एक नाबालिग लड़की के यौन उत्पीड़न के मामले में जोधपुर राजस्थान...

Monday 26 June 2017

आशाराम की रिहाई के लिए अनशन

आशाराम की रिहाई के लिए  जंतर मंतर दिल्ली में अनशन चल रहा है।
1 सितम्बर 2013 को एक नाबालिग लड़की के यौन उत्पीड़न के मामले में जोधपुर राजस्थान पुलिस ने गिरफ्तार किया था।  तब से सलाखों के पीछे हैं आशाराम।  आसूमल सिरुमलानी इनका मूलनाम है।  इसके बाद गुजरात की दो बहनों ने  भी आशाराम और इनके इनके पुत्र नारायण सांई पर बलात्कार का मामला दर्ज़ कराया।

15 अगस्त 2013 को पीड़िता को जोधपुर के फार्म हाउस में छिंदवाड़ा के गुरुकुल से लाया गया क्योंकि उसकी तबियत ठीक नहीं थी उसने उलटी और चक्कर आने की शिकायत की थी।  एक धार्मिक अनुष्ठान के बहाने पीड़िता को जोधपुर लाया गया।  पीड़िता ने घर जाकर अपने माता-पिता से शिकायत की। पीड़िता के माता-पिता भी आशाराम के भक्त रहे हैं। 19 अगस्त 2013 को पीड़िता के माता-पिता ने आशाराम से दिल्ली में मिलने की कोशिश की लेकिन उन्हें मिलने  नहीं दिया गया। तब 20 अगस्त 2013 की रात को 2 बजे दिल्ली के कमलानगर थाने में आशाराम के विरद्ध यौन उत्पीड़न का पीड़िता की ओर  से केस दर्ज़ कराया गया।  नए कानून के तहत अब देशभर में कहीं भी केस दर्ज़ कराया जा सकता है जिसे सम्बंधित थाने को ट्रांसफर कर दिया जाता है। केस दिल्ली से जोधपुर राजस्थान ट्रांसफर किया गया और आशाराम की गिरफ्तारी की करवाई शुरू की गयी।  आशाराम को  बड़ी मुश्किल से गिरफ्त में लिया जा सका।


आशाराम को जमानत पर बाहर लाने के लिए वकील राम जेठमलानी और सुब्रमनियन स्वामी भी जी तोड़ कोशिश कर   चुके है लेकिन जे जे एक्ट और पोक्सो एक्ट के तहत दर्ज़ इस मुकदमे में आईपीसी की धाराएं 342 ,376 ,354 ए ,506 ,509 /34 ,23 ,26  लगायी गयी हैं। मेडिकल जांच में बलात्कार की पुष्टि नहीं हुई है। 
निर्भया काण्ड के बाद आये महिला यौन उत्पीड़न कानून के तहत पीड़िता के नाबालिग होने पर आरोपी को जमानत नहीं देने का प्रावधान लाया गया  है इसीलिए आशाराम अब तक सलाखों के पीछे हैं।  इनके वकीलों ने पीड़िता (जोकि 12 वीं कक्षा की 16 वर्षीय छात्रा थी घटना के वक्त ) को मानसिक रूप से विक्षिप्त और बालिग़ घोषित करने की भरपूर कोशिश की लेकिन  गंभीर आरोपों और साक्ष्यों के चलते सारी होशियारी धरी की धरी रह गयी।


बच्चों के यौन शोषण के आरोप आशाराम पर पहले भी लगते रहे लेकिन पैसे की ताकत से उन्हें दबाया जाता रहा।  अब आशाराम की चिकित्सीय जांच से स्पष्ट हुआ कि यह तो बच्चों का यौन शोषण करने वाली बीमारी पीडोफीलिया से ग्रस्त है।
हाल ही में सर्वोच्च न्यायलय ने आशाराम की जमानत अर्ज़ी खारिज करते हुए आर्थिक जुरमाना लगाकर एक और  जांच का आदेश दिया है कि जेल में रहते हुए निजी तौर पर डायग्नोस्टिक जांचें कैसे की गयीं।


दिल्ली में जंतर  मंतर पर बैठे आशाराम के भक्त अपने स्वामी को निर्दोष बताते हुए रिहाई की मांग पर धरने पर बैठे हैं।  यहाँ कोई इन्हें तवज़्ज़ो नहीं देता।  यह सब पैसे का खेल है जो लोगों को सीधे -सीधे समझ आता है।  देशभर में आशाराम के 400 आश्रम हैं जिनसे हर साल 400 करोड़ रुपये इकट्ठे होते थे। अब क्या हाल है इन आश्रमों का।  इस केस में अहम गवाहों को भी मार दिया गया।  मामला बहुत गंभीर है।
ऐसे सफेदपोश लोग भेड़ की खाल में छुपे भेड़िये हैं जो भोली भाली जनता की गाढ़ी कमाई लूटने और अय्याशी करने के लिए क्या -क्या नीच हरकतें कर सकते हैं।  फिलहाल कोर्ट के फैसले का इंतज़ार है।

Thursday 8 June 2017

NANCY MURDER CASE IN BIHAR

Mahadeva Math is a village of district Madhubani In Bihar state, where  a girl of twelve years old was murdered brutally named Nancy( the name of victim should not be disclosed but media ,social media as well as relatives of said girl disclosed the name). She was kidnapped on 25th May 2017 during she was returning to home from school. 2 Kidnappers on bike came and kidnapped the girl. her relatives registered police complaint but no result find. On 27 May 2017  very badly decomposed body of Nancy was recovered from bed of a nearby river Tilyuga. The condition of dead body was showing how brutally she was murdered.It was difficult to recognise the dead body.
The post-mortem report of victim confirmed she had been strangled to death. The state Govt. has handed over the case to SIT but her relatives are not satisfy with state Govt;s action, they want CBI enquiry in this case.Medical report ruled out for rape. The state police has arrested two suspected  accused but no final outcome has been established in this case.

For justice to Nancy Candle March and agitations have been reported from Bihar and New Delhi. On 4th June 2017  a large number of people took out a march and staged a dharna at Jantar-Mantar to demand justice for 6th class student Nancy.
We should sensitize the society for safty of women






Wednesday 24 May 2017

Farmers loan waives declared by UP Govt



Farmers loan waives declared by UP Govt. on April 4th 2017 was a celebration event of UP. But today there is no update available regarding this populist announcement so far. Farmers are rushing towards Banks( Only nationalised) to know the status of there loans but banks have no answer. Farmers are feeling cheated now. Actually farmers have no unity that's why the issues of farmers remain undiscussed and hidden.

UP Govt. set up an enquiry to enlist the farmers who have taken loans from more than one bank. Mostly farmers are approaching Zila co-operative banks for various loans because these banks have lowest hurdles to sanction loans for farmers. UP Govt. has declared to waive the loans of farmers which given by nationalised banks only that's why numbers of beneficiaries become very less.
This practice in politics and governance give wrong message to public. Govt. should take proper action to waive farmers loans no any type of pretexts.

@Deepak Bhardwaj

Thursday 18 May 2017

Thanks to ICJ



We are very thankful of ICJ( International Court of Justice) for giving stay to execute Mr. Kulbhushan Jadhav (Indian National)  by Pakistan. Efforts done by India so far are giving positive results.
Hope Pakistan should realize pressure of international Biradari.

  

जम्मू-कश्मीर: कुपवाड़ा में सेना की पेट्रोलिंग पर हमला, दो आतंकी ढेर, सर्च ऑपरेशन जारी 31may श्रीनगर (एएनआइ)। भारत लगातार जम्मू-कश्मीर म...